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गृहमंत्री अमित शाह पहुंचे काशी, गुप्त वंश व भारत के इतिहास पर होने वाली संगोष्ठी में रखेंगे विचार वाराणसी. (ए.) गाथा को जितना महत्व देना चाहिए था, नहीं गुप्तवंशक्रवार दिया है। इन शूरवीरों को इतिहास में अपनी गृहमंत्री बनने के बाद पहली बार वीरता के कारण जितनी जगह के हकदार अमित शाह दो दिवसीय दौरे पर थे, नहीं मिली है उसको दिलाने की दिशा में यह संगोष्ठी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। आज वाराणसी पहुंचे हैं। शाह बीएचयू में 17 व 18 अक्टूबर को एजेंसियां अलर्ट, ड्रोन से भारत अध्ययन केंद्र की तरफ से हो रही निगरानी आयोजित गुप्तवंशक वीर स्कंदगप्त शाह के दौरे का छात्रनेताओं ने विरोध विक्रमादित्य का ऐतिहासिक पुनकिया है। छात्र संघ बहाली को लेकर स्म्रण एवं भारत राष्ट का राजनैतिक कार्यक्रम के होर्डिंग पर अराजक तत्वों ने कालिख पोत दिया। जिसे हटा दिया गया भविष्य विषय पर आयोजित संगोष्ठी है। खुफिया एजेंसियों पूरी तरह से सतर्क में हिस्स लेंगे। इस कार्यक्रम हैं। ड्रोन कैमरे से निगरानी हो रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी ए प्रबद्ध श्रीलंका, वियतनाम व नेपाल से भी स्कंदगुप्त विक्रमादित्य से जुड़े तमाम 2500 से अधिक पुलिस, पीएससी, पैरा प्रबुद्धजन पहुंचे हैं। कार्यक्रम संयोजक ऐतिहासिक तथ्य मौजूद हैं। लेकिन अभी मिलिट्री फोर्स की तैनाती की गई है। 50 रहग। इस सगाष्ठा म कई दशा क दो दिवसीय अंतरराष्टीय संगोष्ठी में प्रोफेसर राकेश कुमार उपाध्याय ने कहा कि, तक इतिहास के पन्नों में दर्ज नहीं हैं। दरोगा और 150 सिपाही सादे वेश में चिंतक शामिल होंगे। अमेरिका, जापान, मंगोलिया, बैंकाक, सैदपुर-गाजीपुर में गुप्त वंश के वीर इतिहासकारों ने गुप्तकाल के शूरवीरों की तैनात किए गए हैं। गुप्तवंशक्रवार