(जनमत युग संवाददाता)
ग्वालियर। सिकंदर कंपू मस्जिद वाली गली में आयोजित सात दिवसीय भागवत महापुराण कथा में चौथे दिन सुप्रसिद्ध भागवताचार्य पं.घनश्याम शास्त्री जी ने बताया कि जीवन में मानव को कभी क्रोध नहीं करना चाहिए, क्योंकि क्रोध एक ऐसी अग्नि है जो सबसे पहले स्वयं को जलाती है और फिर दूसरों को नुकसान पहुंचाती है। इसलिए जीवन में धैर्य और शांति को अपनाना आवश्यक है, ताकि हम सदा सुखमय जीवन व्यतीत कर सकें।
तीन लोगों—भक्त, ब्राह्मण और साधु—का कभी भी अपमान नहीं करना चाहिए। भक्त भगवान का सच्चा सेवक होता है, ब्राह्मण ज्ञान और धर्म का प्रतीक होता है, और साधु त्याग एवं तपस्या की मूर्ति होता है। इन तीनों का अपमान करने से व्यक्ति पाप का भागी बनता है और उसके जीवन में दुखों का आगमन हो सकता है।
कथा में भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव को भी धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर भजन-कीर्तन और धार्मिक अनुष्ठान किए गए। कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व बताते हुए उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण ने सदैव धर्म की रक्षा के लिए कार्य किया और उनके जीवन से हमें सच्चाई, न्याय, प्रेम और कर्तव्यपरायणता का पाठ सीखना चाहिए इस अवसर पर नीतू राकेश, मोनिका कपिल,विजय शर्मा, पार्षद धर्मेंद्र जैन,हरिओम शर्मा,विवेक तिवारी ने आरती की